दिल और ज़ुबान का क्या अनोखा रिश्ता है
कभी ज़ुबान से निकली बात दिल को चुब ही जाती है
कभी दिल बहुत कुछ झेल जाता है
किसी की ज़ुबान पर जाए या ना जाए
यह समझना भी जरूरी है
करवा घूट भी पीना पड़े अगर तो ज़रा सम्हल के
कि दिल की चोट गहरी होती है ।
कभी ज़ुबान से निकली बात दिल को चुब ही जाती है
कभी दिल बहुत कुछ झेल जाता है
किसी की ज़ुबान पर जाए या ना जाए
यह समझना भी जरूरी है
करवा घूट भी पीना पड़े अगर तो ज़रा सम्हल के
कि दिल की चोट गहरी होती है ।
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